विज्ञान
पी.डी. सराफ
ब्रह्मांड अनेक रहस्यों से परिपूर्ण है। इसके उद्भव व विकास की कहानी भी बड़ी लंबी है।
खगोल शास्त्रियों के अनुसार :
1.करीब 20 अरब (करीब 2000 करोड़) वर्ष पूर्व एक बड़े विस्फोट के साथ ब्रह्मांड बना। इसमें असंख्य आकाश गंगाएं विकसित हुईं।
2.हमारी आकाश गंगा निहारिका लगभग 10 अरब वर्ष पूर्व बनी, जिसमें हमारे सूर्य के समान करोडों तारे हैं।
3.सूर्य स्वयं एक तारे के रूप में लगभग 5 अरब वर्ष बना। लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व पृथ्वी-चंद्रमा प्रणाली का बनना प्रारंभ हुआ।
* प्रकाश की गति 1,86,000 मील प्रति सेकंड है। एक दिन में प्रकाश 16 अरब मील तथा एक साल में 5880 अरब मील की दूरी तय करता है। यह 5880 अरब मील को एक 'प्रकाश वर्ष' कहते हैं और यह अंतरिक्ष में दूरी नापने का पैमाना (unit) है।
_ * हमारे सूर्य के अलावा, सबसे नजदीक का तारा 4.25 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है, जिसे प्रोक्सिमा सेंचुरी कहते हैं।
* बहत सारे तारों से गैलेक्सी (आकाश गंगाएं) बनती हैं। हमारा सौरमंडल इसी तरह की गैलेक्सी का हिस्सा है, जिसमें कई अरब-खरब तारे हैं हमारी गैलेक्सी का 10,000 करोड़ प्रकाश वर्ष के बराबर व्यास है।
* बह्मांड (universe) में हमारी आकाश गंगा (गैलेक्सी) के समान अरबों गैलेक्सियां है।
* किसी भी पैमाना का सर्वोच्च मापदंड ब्रह्मांड है। इसका कोई ओर-छोर नहीं है। यदि आप प्रकाश वर्ष की गति से चले तो 15 अरब से भी ज्यादा वर्षों बाद भी उसका दूसरा छोर नहीं पहुंच पावेंगे। सभी व्यक्ति, ग्रह, तारे, गैलेक्सी, अंतरिक्ष सभी इस ब्रह्मांड के हिस्से हैं।
* ऐसा अनुमान है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति 20 अरब वर्ष पूर्व हुई होगी, जब एक अति भयंकर विस्फोट (big bang) हुआ था। इस विस्फोट से ब्रह्मांड में उपस्थित सभी प्रकार की ऊर्जा व वस्तुओं/प्राणियों/जीवों को निर्माण हुआ। यह विस्फोट इतना भयंकर था कि उसका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है जिसके कारण आज भी ब्रह्मांड फैल रहा है। (universe expanding) और यह अनवरत लगातार फैलता ही रहेगा, जिससे ब्रह्मांड का आकार निरंतर बढ़ता रहेगा।
* ब्रह्मांड में समस्त ऊर्जा (जूल्स में) अंक के बाद 69 शून्य लगाने पर जो अंक बनेगा उस अंक के बराबर है।
_ * ब्रह्मांड में परमाणुओं की संख्या 1 अंक के बाद 80 शून्य लगाने पर जितनी बड़ी संख्या बनती है, उसके बराबर है।
* एक मोटे अनुमान (rough guess) के अनुसार ब्रह्मांड में तारों की गिनती की जावे तो वह प्रति व्यक्ति (पृथ्वी पर स्थित) 18 लाख तारे के बराबर जो संख्या बनेगी, उसके बराबर बनेगी।
* रात्रि के अंधेरे में असंख्य तारे दिखाई देते हैं, वे सब सूर्य के समान हैं, सूर्य स्वयं भी एक तारा ही तो है। सबसे बड़ा (Hypergiant) तारा cygnus ob 2 N. 12 है, जो सूर्य से 8180,000 गुना ज्यादा चमकीला है।
_ * तारों का जन्म गैसीय बादलों में होता है, ये बादलों (जिन्हें नेबुला कहते हैं) धीरे-धीरे पास में आते हैं और चक्कर लगाते-लगाते गोल गेंद के रूप में बदल जाते । ये तब तक चक्कर लगाते हैं, जब तक वे बहुत ही ज्यादा गर्म हो जावें तथा उनमें न्यूक्लीयर प्रक्रियाओं से विस्फोट न हो। जब यह स्थिति बन जाती है, तो एक नये तारे का निर्माण हो चुका हो जाता है।
* इन तारों के अंदर हाइड्रोजन व हिलीयम गैस होती है। इन तारों की चमक तब तक बनी रहती है, जब तक इसमें स्थित ऊर्जा जलती रहेगी। हमारे सूर्य (तारे) में यह प्रक्रिया करोड़ों वर्ष तक चलती रहेगी।
* तारों की भी आयु होती है। छोटे तारों की आयु 200 अरब वर्ष, मध्यम तारों की 10 अरब वर्ष तथा बड़े तारे मात्र 1 करोड़ वर्षों तक रहते हैं। बड़े तारों का आकारहमारे सूर्य की 100 गुना तक बड़ा होता है।
* अन्य दूसरे तारों की तरह ही हमारा सूर्य भी अरबों-खरबों वर्ष बाद ठंडा होगा, शनैःशनैः मृत होगा और अंत में ब्लैक होल में बदल जावेगा।
* जब आकाश साफ हो तो रात्रि में 2,500 तारों को देख सकते हैं। शक्तिशाली दूरबीन से चंद्रमा और तारों को काफी अच्छे से देखा जा सकता है, परंतु धूमकेतुउल्कापिंडों, चमकने वाले ग्रहों को बगैर दूरबीन के भी पहचाना जा सकता है।
* शुक्र-सफेद, वृहस्पति-हरी-नीली और मंगल की लाल रंग की चमक होती है।
_ * सूर्य एक तारा है और मिल्की वे गैलेक्सी का एक सदस्य हैं। मिल्की वे गैलेक्सी में सूर्य के समान अरबों तारे हैं। सूर्य पृथ्वी से 9 करोड़ 30 लाख मील दूरी पर है।
_ * जैसे ब्रह्मांड की सारी चीजें चलायमान हैं। सूर्य भी (अपने सौर मंडल के सारे सदस्यों के साथ) चलायमान है, जो 155 मील/ सेकंड से चलता है।
__* सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी से कई गुना ज्यादा होती है। पृथ्वी की तुलना में सूर्य विशाल (huge), गर्म व शक्तिशाली है। इसका व्यास (मध्य में13906310 लाख कि.मी. और आयतन 1333000 गुना पृथ्वी से है। इसका तापक्रम सतह पर 5527 डिग्री सें.ग्रे. (9590) फैर.) तथा केंद्र तो अत्यधिक गर्म 27X1069 डिग्री फैरन्हीट तक होता है।
* सोलार विंड (solar wind) सूर्य से निकलने वाले अनवरत (nonstop) कणों (particiles) का 1000 कि.मी./ सेकंड से निकलना है।
* सोलार फ्लैयर कई सैकड़ों हजारों मील (solar flares) लंबी होती हैंइनसे ही सोलार विंडस (solar winds) भी बनाती हैं। सोलार फ्लैयरस एक तरह की आयोनाईज्ड गैसेस (ionized gases) या प्लाज्मा (plasma)का विशाल रूप से विस्फोट के साथ प्रस्फुटन है।
* सौर विस्फोटों से पृथ्वी को खतरा है। खगोलविदों के अनुसार प्रत्येक 11 साल बाद सौर विस्फोटों से अध्यधिक मात्रा में चुंबकीय ऊर्जा निकलती है जो कि 100 हाईड्रोजन बमों से निकलने वाली ऊर्जा से भी अधिक होती है। इससे पृथ्वी पर तापमान बहुत अधिक बढ़ सकता है।